सोमवार, 22 अगस्त 2011

पागलपन



बचपन की बीमारी अब तक मेरा पीछा नही छोड़ रही है कल भी मुझे मेरी मैथ्स टीचर से प्यार था और आज भी मेरा दिल एक मैथ्स टीचर पर ही आया है, बस अंतर है तो उन १० सालों का जो इन्हे खोजने मे गुज़र गये । बचपन मे जब मेरी पसंदीदा मैथ्स टीचर मुझे सबसे ज्यादा नपंसद सबजेक्ट मैथ्स पढा़या करती थी तो मैं न चाहते हुऐ भी उसकी क्लास अटेंड कर लिया करता था । सामान्य सी शक्ल सूरत वाली मेरी टीचर असामान्य सी मैथ्स की किताब लेकर जब कक्षा मे प्रवेश करती थी तो मेरी बांछे खिल जाती थी क्यूँ की उनकी अदाओं पे मैं उसी तरह फिदा था जैसे आज मुन्नी और शीला पर पूरा देश ।
 
जब वो पढ़ाती थी तो मुझे ऐसा लगता था मानो पूरा ज्ञान ईश्वर ने इन्हे ही दे दिया हो और हमें तो केवल इनकी शरण मे इसलिए भेज दिया है की हम इनके सम्मान मे लेख और कविताएं लिख सके , जब वो पलट कर अपने चश्मे को नाक से उपर चढ़ाते हुऐ जुल्फों पे हाथ फेरते हुऐ मुझे देखकर कहती थी की " बेटा , तेरा ध्यान आज फिर पढ़ाई मे नही है और मुझे नही लगता की तू इस साल पास होगा  " तो दबे स्वर मे मेरे मुँह से अनायास ही निकल जाता है की " कौन कमबख्त पास होना चाहता है मै तो जन्म - जन्मांतर तक आपकी क्लास मे बैठना चाहता हूँ ", पर मैं केवल मुस्कुरा कर चुप रह जाता था पर शायद धीरे-धीरे ही सही वो समझने लगी थी की ये शायद क्लास के बाकी स्टूडेंटस से थोड़ा हटकर है क्यूँ की उनकी क्लास मे कभी न पढ़ने वाला ये बच्चा टेस्ट मे पूरे मे पूरा मार्क्स लाता कैसे है , ये गुत्थी उनके लिए वैसी ही थी जैसे मेरे लिए ये गुत्थी की इनमे ऐसा क्या है जो मुझे इनकी ओर खिंचता है । कभी-कभी क्लास मे उनसे मिलने  मेरे एक सर आया करते थे और वो जब मुस्कुराकर उनसे बात करती थी तो कसम से मेरे दिल पर साँप लोटने लगते थे और मैं शाम होते तक उनसे बदला ले लिया करता था कभी उनकी गाड़ी के सीट पर ब्लेड चला कर तो कभी बाथरुम की दीवारों पर उनके नाम के साथ मेरी सबसे नापसंद टीचर का नाम लिख कर , कई बार पकड़ा भी गया और सजा भी मिली पर मै इसे भी प्यार का तोहफ़ा समझकर कबूल कर लेता था , धीरे-धीरे क्लास की लड़कियों को भी पता चल गया की हमारी ओर कभी न निहारने वाला लड़का मैथ्स की टीचर के प्यार मे कहानी कविताएँ लिख रहा है और ये कही न कही उनके ईगो को हर्ट कर रहा था की क्लास का एक लड़का १६-१७ साल की कमसिन लड़कियों को छोड़कर २२-२३ साल की मैडम के पीछे दीवाना है और सालियों ने मिलकर मेरे LOVE का THE END कर दिया ।
मैडम को जब इस बात की पुख्ता जानकारी हुई तो उन्होनें बुला कर समझाया की जिसे तुम प्यार समझ रहे हो वो AFFECTION से बढ़कर कुछ  नही है और कहा  BY THE WAY ,  WHAT DO U KNOW ABOUT THE LOVE ?


 I REPLIED " ACTUALLY MADAM , I DON'T KNOW MUCH MORE ABOUT THE LOVE BUT I THINK IT'S

THE MAGIC OF LOVE THAT I DON'T LIKE MATHS BUT I TOOK MATHS SUBJECT INSTEAD OF

COMMERCE & BIO , I NEVER STUDY & CONCENTRATE ON YOUR CLASS IT'S TRUE BUT THE

FACT IS TO IMPRESS YOU I STUDY IT IN MY HOME MORE THAN OTHER SUBJECT , I DON'T DO

THIS HERE BECAUSE I KNOW THIS IS MY LAST YEAR & AFTER THAT I'LL NEVER SEE YOU SO I

 DON'T WANT TO MISS THIS GOLDEN OPPORTUNITY FOR JUST A MOMENT.


MAM, MAY BE IT'S JUST AFFECTION BUT THE FACT IS IT'S COURAGE ME FOR GOING AHEAD ,

SO PLEASE DON'T STOP ME .

BECAUSE  I'LL LIKE YOU TILL MY LAST BREATH .

ये जवाब मैं उन्हे देना चाहता था पर मुस्कुरा कर चुप रह गया पर शायद उन्होने मेरी आंखे पढ़ ली थी वरना यूं " मेरा बच्चा " कहकर मेरे माथे को चुमा न होता , मैने वो समझ लिया था जो मैं समझना चाहता था और उन्होने वो समझा दिया था जो वो समझा कर आगे बढ़ जाना चाहती थी ।



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