मैने आज एक शख्स को नेता कह दिया , भाई ने पलट कर मेरे गाल पर दो
तमाचा जड़ दिया , चीख कर बोला ''साले तुझे मै नेता नजर आता हूँ'' , क्या मै
विकंलागो का यंत्र बेच खाता हूँ , कब मैने शहीदो के मकान पर कब्जा जमाया
है , किसी नाबालिग लड़की को धोखे से शिकार बनाया है , कब मैने अपने वारिस
को नाम देने से इंकार किया है जो तुने मेरे लिए नेता नाम लिया है , कब
मैने जानवरो का चारा खाया है और कब लोगो को धर्म के नाम पर लड़वाया है , मै
तो आम आदमी हूँ जिसकी जिंदगी का फैसला ये नेतागण करते है , ये एसी रुम मे
बैठकर जीते है और हम ऐसी बेकार की मौत मरते है ।
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